केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने बताया कि NABARD की जानकारी के अनुसार, देश में अब तक 1,409 नई बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियाँ (M-PACS) फसल ऋण कारोबार शुरू कर चुकी हैं। इन समितियों को अब तक कुल 3,367.28 करोड़ रुपये की फसल ऋण राशि स्वीकृत की जा चुकी है।
इन नई समितियों की कमाई बढ़ाने और उन्हें और मजबूत बनाने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि वे इन समितियों को फसल ऋण के अलावा भी अन्य व्यवसाय शुरू करने में मदद करें। जैसे कि कॉमन सर्विस सेंटर, प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र, प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र आदि।
सरकार ने M-PACS को और मजबूत और विविधतापूर्ण बनाने के लिए एक मॉडल बाईलॉज (आदर्श नियमावली) तैयार की है। इसके तहत ये समितियाँ अब 25 से अधिक अलग-अलग प्रकार के काम कर सकती हैं। इनमें डेयरी, मत्स्य पालन, गोदाम बनाना, खाद्यान्न, बीज और उर्वरक खरीदना, LPG/CNG/पेट्रोल डीजल का वितरण, छोटे और लंबे समय के ऋण देना, कस्टम हायरिंग सेंटर चलाना, फेयर प्राइस शॉप्स, सामुदायिक सिंचाई और कॉमन सर्विस सेंटर जैसे कई काम शामिल हैं।
अब तक 32 राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों ने इस मॉडल बाईलॉज को अपनाया है या उनके मौजूदा नियमावली इससे मेल खाते हैं।
इस पहल से किसानों को फसल ऋण के साथ-साथ सहकारी समितियों के जरिये कई तरह की सुविधाएं और सेवाएं एक जगह मिलेंगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और बेहतर होगी। साथ ही, सहकारी समितियाँ ज्यादा सक्रिय और मजबूत होकर किसानों और ग्रामीण समाज की मदद कर सकेंगी।