केंद्र सरकार द्वारा किसानों के कल्याण और कृषि क्षेत्र के समग्र विकास हेतु किए गए प्रयासों की जानकारी केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान प्रस्तुत की। उन्होंने तथ्यों और आंकड़ों के साथ बताया कि केंद्र सरकार किसानों की आय बढ़ाने, लागत कम करने, फसल बीमा को अधिक पारदर्शी और लाभकारी बनाने तथा उत्पादन को बढ़ाने हेतु निरंतर कार्य कर रही है।
समय पर फसल बीमा क्लेम नहीं देने पर मिलेगा 12% ब्याज
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्व की फसल बीमा योजना में किसान हित में व्यापक सुधार किए गए हैं। अब यदि बीमा कंपनी किसानों को निर्धारित क्लेम समय पर नहीं देती तो तय तिथि से 21 दिन के भीतर भुगतान नहीं होने की स्थिति में 12% ब्याज लगाया जाएगा, जिसे सीधे किसान के खाते में ट्रांसफर किया जाएगा।
कृषि क्षेत्र के लिए छह प्रमुख सुधारात्मक उपाय
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार ने कृषि विकास के लिए छह बड़े कदम उठाए हैं –
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उत्पादन में वृद्धि
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लागत में कमी कर आय बढ़ाना
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फसल के उचित मूल्य की गारंटी
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आपदा या नुकसान की स्थिति में मुआवजा
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कृषि विविधीकरण का प्रोत्साहन
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प्राकृतिक खेती और संतुलित उर्वरक के माध्यम से धरती की रक्षा
फसल उत्पादन और बागवानी में दर्ज की गई अभूतपूर्व वृद्धि
पिछले 10 वर्षों में देश में फसल उत्पादन 246.42 मिलियन टन से बढ़कर 353.96 मिलियन टन तक पहुंच गया है। दलहन उत्पादन 16.38 मिलियन टन से बढ़कर 25.24 मिलियन टन और तिलहन 27.51 मिलियन टन से बढ़कर 42.61 मिलियन टन हुआ है। बागवानी उत्पादन में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो 280.70 मिलियन टन से बढ़कर 367.72 मिलियन टन हो गया है।
किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कई किसानों की आय दोगुनी से भी अधिक हो गई है। पूर्ववर्ती सरकार के समय कृषि बजट मात्र ₹27,000 करोड़ था, जो वर्तमान में ₹1.27 लाख करोड़ हो गया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत अब 10 करोड़ किसानों को सीधे लाभ मिल रहा है।
उर्वरक सब्सिडी और ऋण सुविधा में बड़ा विस्तार
सरकार द्वारा उर्वरकों पर ₹2 लाख करोड़ की सब्सिडी दी जा रही है। केसीसी और अन्य संस्थागत ऋण की राशि पूर्व में ₹7 लाख करोड़ थी, जो अब ₹25 लाख करोड़ तक पहुंच चुकी है।
फसल बीमा योजना के तहत ₹1.83 लाख करोड़ का भुगतान
केंद्र सरकार ने फसल बीमा योजना के तहत ₹35,000 करोड़ प्रीमियम के विरुद्ध ₹1.83 लाख करोड़ का क्लेम सीधे किसानों को प्रदान किया है।
मशीनों, ड्रिप सिंचाई और पॉलीहाउस पर मिल रही सहायता
कृषि यंत्रीकरण के लिए किसानों को सब्सिडी दी जा रही है। “पर ड्रॉप मोर क्रॉप” योजना के तहत ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई के साधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। पॉलीहाउस, ग्रीनहाउस तकनीक के माध्यम से उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।
एमएसपी में 50% मुनाफा जोड़ा गया
सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करते समय लागत में न्यूनतम 50% लाभ जोड़ा है। फिलहाल व्यापक स्तर पर एमएसपी पर फसलों की खरीद की जा रही है। पूर्व सरकार के 10 वर्षों में केवल 6 लाख मीट्रिक टन दलहन खरीदी गई थी, जो अब बढ़कर 1.82 करोड़ मीट्रिक टन हो चुकी है।
टेनेंट फार्मरों और सीमांत किसानों को भी मिल रहा लाभ
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अब टेनेंट फार्मर्स और बटाईदारों को भी लाभ मिल रहा है। अब तक 6.55 लाख शेयर क्रॉपर्स सहित कुल 41.62 लाख किसानों को इसका सीधा लाभ दिया गया है।
पीएम आशा योजना से 100% एमएसपी पर खरीदी
प्रधानमंत्री आशा योजना के अंतर्गत दलहन और तिलहन की खरीद की सुनिश्चित व्यवस्था की गई है। तुअर, मसूर और उड़द की 100% एमएसपी पर खरीदी का प्रावधान किया गया है।
फसलों की MSP में उल्लेखनीय वृद्धि
धान की एमएसपी ₹1310 से ₹2369, बाजरा ₹1250 से ₹2775, रागी ₹1500 से ₹4886, मक्का ₹1310 से ₹2400, तुअर ₹4300 से ₹8000, मूंग ₹4500 से ₹8768, उड़द ₹4300 से ₹7800, मूंगफली ₹4000 से ₹7263, सूरजमुखी ₹3700 से ₹7721, सोयाबीन ₹2560 से ₹5328, तिल ₹4500 से ₹9846, रामतिल ₹3500 से ₹9537 और कपास ₹3700 से ₹7710 कर दी गई है।