केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत देशभर में मछली पालन क्षेत्र के समग्र विकास के लिए अब तक ₹21,274.16 करोड़ की परियोजनाओं को स्वीकृति दी जा चुकी है। इनमें से ₹9,189.79 करोड़ की राशि केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की गई है। यह जानकारी मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन (George Kurian) ने मंगलवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
उन्होंने बताया कि ये अनुमोदन वर्ष 2020-21 से 2024-25 की अवधि के लिए दिए गए हैं और इनका उद्देश्य मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देना, मछुआरों की आय में वृद्धि और मत्स्य उद्योग को संगठित व टिकाऊ बनाना है। यह योजना केंद्र और राज्य सरकारों की साझा वित्तीय भागीदारी पर आधारित है—सामान्य राज्यों के लिए यह अनुपात 60:40, पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 90:10 और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए 100% केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाता है।
योजना के तहत केंद्र सरकार ने देश के 11 राज्यों में 11 इंटीग्रेटेड एक्वापार्क स्थापित करने की भी मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं पर कुल लागत ₹682.60 करोड़ अनुमानित है, जिसमें से ₹459.17 करोड़ की राशि केंद्र सरकार वहन कर रही है। इन एक्वापार्क्स का उद्देश्य बीज उत्पादन, चारा निर्माण, प्रसंस्करण, कोल्ड स्टोरेज और बाजार तक पहुंच सहित मछली पालन की पूरी मूल्य श्रृंखला को मजबूत करना है।
राज्यवार अनुमोदन में आंध्र प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों को सर्वाधिक निवेश प्राप्त हुआ है। उदाहरण के लिए, आंध्र प्रदेश को ₹2,405 करोड़ की परियोजनाओं के लिए ₹563 करोड़ की केंद्रीय सहायता प्राप्त हुई है। केरल को ₹1,347 करोड़ की परियोजनाओं के लिए ₹577 करोड़ का समर्थन मिला है।